मंगलम भगवान विष्णु, मंगलम गरुड़ध्वज!
मंगलम पुंडिकौशल, मंगलम तनोहरी!!
परम आदरणीय शराती गण एवं इस महफिल में उपस्थित सभी बराती गण के चरणों में सादर स्नेह समर्पित ..:::..
मान्यवर अपार हर्ष के साथ सूचित किया जाता है कि.
आयुष्मति……..कुमारी
आत्मजा ..पिता का नाम..
ग्राम……..,
पोस्ट……..,
जिला……,
थाना……..,
एवं आयुष्मान ……….कुमार,
आत्मजा .. पिता का नाम…,
ग्राम……..,
पोस्ट…….,
जिला…….,
थाना…….,
के गठबंधन का आयोजन किया जा रहा है इस पावन परिणय के मांगलिक वेला में उपस्थित हम तमाम बराती गण आपका हार्दिक अभिनंदन सर्व स्वीकार करते हैं।
हम लोग जब अपने घर से चले तब धूल भरी हवा चल रही थी। रास्ते में बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, परंतु यहां पहुंचकर आप लोगों का आतिस्य सत्कार देखकर सभी कठिनाइयों को भूल गया हूँ। जब से हम लोग यहां उपस्थित हुए तब से यहां के नवयुवक साथियों के साथ बच्चे और बूढ़े का हर्षोल्लास देखने लायक है।
आप लोगों ने जो हमारी आतिस्य सत्कार इस कमरतोड़ महंगाई में किया है हम सभी वास्तव में इस के लायक नहीं थे, ठीक ऐसी ही स्वागत को पाकर भगवान श्री कृष्ण ने मथुरा वासी से कहे थे कि यदि हमें वापस लौट कर जाना नहीं होता तो हम यहीं निवास करते हैं।
कविता आप अपने मन से कह दो।